विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2025: भारत की रैंकिंग में मामूली सुधार, नॉर्वे लगातार आठवीं बार शीर्ष पर

नई दिल्ली, 4 मई 2025 — अंतरराष्ट्रीय मीडिया निगरानी संस्था Reporters Without Borders (RSF) ने हाल ही में World Press Freedom Index 2025 जारी किया है। 180 देशों की इस सूची में भारत को 151वां स्थान मिला है। यह पिछले साल के मुकाबले 8 पायदान का सुधार है (2024 में 159वां स्थान)। हालांकि, यह सुधार पर्याप्त नहीं माना जा सकता क्योंकि भारत अब भी "Very Serious" स्थिति में बना हुआ है।


📌 शीर्ष रैंकिंग वाले देश – प्रेस स्वतंत्रता में सबसे आगे
RSF द्वारा प्रकाशित इस रिपोर्ट में 180 देशों को पांच संकेतकों के आधार पर रैंक किया गया: राजनीतिक संदर्भ, कानूनी ढांचा, आर्थिक संदर्भ, सामाजिक-सांस्कृतिक संदर्भ और सुरक्षा।
टॉप 10 देश (2025):
1. Norway – रैंक: 1 (लगातार 8वीं बार टॉप पर)
2. Denmark – रैंक: 2
3. Sweden – रैंक: 3
4. Netherlands – रैंक: 4
5. Finland – रैंक: 5
6. Ireland – रैंक: 6
7. Portugal – रैंक: 7
8. Germany – रैंक: 8
9. Switzerland – रैंक: 9
10. Estonia – रैंक: 10



📉 भारत की स्थिति: चिंता बनी हुई है
भारत का रैंक: 151
2024 में रैंक: 159
श्रेणी: Very Serious Situation (अत्यंत गंभीर स्थिति)

स्कोर में सुधार: कुछ सुधार देखा गया है लेकिन चुनौतियाँ बरकरार हैं।


🔍 रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु (Highlights)
मीडिया स्वामित्व का केंद्रीकरण (Media Ownership Consolidation) – बड़ी कंपनियाँ और कुछ राजनीतिक समूह मीडिया पर प्रभाव जमा रहे हैं।

पत्रकारों की सुरक्षा पर खतरा – कई पत्रकारों को धमकियाँ, गिरफ्तारी, या फर्जी मुकदमों का सामना करना पड़ा।

आर्थिक दबाव – स्वतंत्र मीडिया को विज्ञापन और वित्तीय सहायता की कमी झेलनी पड़ रही है।

राजनीतिक हस्तक्षेप – सरकार या राजनीतिक दलों का मीडिया कवरेज में हस्तक्षेप अब भी एक गंभीर मुद्दा है।




🌏 एशियाई परिदृश्य – भारत की तुलना में पड़ोसी देशों की स्थिति

🗣️ राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ और बहस
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने प्रेस स्वतंत्रता में भारत की गिरती साख पर केंद्र सरकार की आलोचना की और कहा कि बीजेपी सरकार "सवालों से डरती है" और मीडिया पर नियंत्रण की कोशिश कर रही है।


🌍 वैश्विक प्रेस स्वतंत्रता संकट
RSF ने चेताया है कि 2025 में ग्लोबल प्रेस फ्रीडम अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी ऐसे देशों में रहती है जहाँ प्रेस स्वतंत्रता की स्थिति 'बहुत गंभीर' है।

भारत की रैंकिंग में मामूली सुधार को सकारात्मक संकेत माना जा सकता है, लेकिन पत्रकारों की सुरक्षा, मीडिया की आर्थिक स्वतंत्रता और सरकार से स्वतंत्रता जैसे पहलुओं में ठोस सुधार की आवश्यकता है।

RSF का सुझाव:
पत्रकारों को कानूनी सुरक्षा प्रदान की जाए

मीडिया संस्थानों में संपादकीय स्वतंत्रता सुनिश्चित हो

राज्य सरकारें और केंद्र मीडिया पर अनावश्यक दबाव बंद करें

मीडिया में विविधता और पारदर्शिता को बढ़ावा दिया जाए




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