झेलम नदी में जलस्तर बढ़ा: पीओके में बाढ़ का खतरा, भारत पर आरोप
27 अप्रैल 2025 — झेलम नदी में अचानक जलस्तर बढ़ने से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के हटीयन बाला जिले में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। स्थानीय प्रशासन ने इलाके में जल आपातकाल घोषित करते हुए तटीय क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने की सलाह दी है।
भारत पर लगाया गया पानी छोड़ने का आरोप
पाकिस्तानी मीडिया और अधिकारियों ने दावा किया है कि भारत ने बिना किसी पूर्व सूचना के उरी डैम से झेलम नदी में अतिरिक्त पानी छोड़ दिया। पाकिस्तान ने इसे सिंधु जल संधि का उल्लंघन बताया है और इस कदम को हाल ही में भारत में हुए आतंकी हमले के बाद की कार्रवाई से जोड़कर देखा जा रहा है।
भारत सरकार ने 23 अप्रैल 2025 को सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था, जिसके तहत भारत और पाकिस्तान के बीच जल बंटवारे के नियम तय किए गए थे। इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है।
पीओके में मची अफरा-तफरी
बढ़ते जलस्तर के कारण पीओके के कई इलाकों में सड़कें जलमग्न हो गई हैं और बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई है। स्थानीय लोग अपने घर छोड़कर ऊंचे स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन तेज कर दिया है और राहत शिविर भी स्थापित किए जा रहे हैं।
भारत की ओर से क्या प्रतिक्रिया?
भारत सरकार ने इस विषय पर अब तक कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि यदि भारत ने उरी डैम से पानी छोड़ा है तो यह एक रणनीतिक कदम हो सकता है, क्योंकि सिंधु जल संधि के निलंबन के बाद भारत को जल प्रबंधन पर पूरी तरह अधिकार मिल गया है।
आगे क्या?
विशेषज्ञों के अनुसार, यदि झेलम नदी का जलस्तर और बढ़ता है, तो पीओके के अन्य जिलों में भी बाढ़ का खतरा मंडरा सकता है। साथ ही, भारत-पाकिस्तान के बीच राजनयिक तनाव और बढ़ने की संभावना है।
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📌 मुख्य बिंदु:
झेलम नदी में जलस्तर अचानक बढ़ा
पाकिस्तान ने भारत पर बिना सूचना के पानी छोड़ने का आरोप लगाया
सिंधु जल संधि पहले ही भारत द्वारा निलंबित की जा चुकी है
पीओके में बाढ़ जैसी स्थिति और राहत कार्य जारी
भारत से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं
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